Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2011

दीपावली २०११

दीपावली २०११ चलो इस बार फ़िर एक मिट्टी के दिये से दोस्ती करें उसकी टिमटिमाती हल्की पीली लौ में अन्धेरे और रौशनी के सम्बन्धों को परिभाषित करें कि क्या रोशनी और अन्धेरे का युद्ध शाश्वत है या फ़िर रौशनी का सन्दर्भ घना अन्धेरा है? सम्बन्ध द्वेष का है सदा क्या या दोनों की समञ्जस सुन्दरता का? मेरे मित्र तुम्हारी तो किसी दिये दोस्ती होगी ही तुमने तो और दिये से दिए जलाए होंगे अपनी मनुष्यता के फ़र्ज निभाए होंगें तो चलो, इस दीपावली पर इस बार मुझे भी साथ ले चलो मेरी भी किसी मिट्टी के दिये से दोस्ती करा दो उसकी रोशनी में नहला दो, और मुझे आगे के दो कदम चलने का रास्ता तो दिखला दो ! ! ! मिट्टी के दिए की रौशनी से आपको और आपके परिवार को प्रकाश भरी शुभकामनाएँ – सादर आशुतोष आंगिरस Oct 16