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Showing posts from June, 2008

खुश हो ए दुनिया कि एक अच्छी खबर ले आये हैं / कुमार पाशी

खुश हो ए दुनिया कि एक अच्छी खबर ले आये हैं सब ग़मों को हम मना कर अपने घर ले आये हैं इस कदर महफूज़ गोशा इस ज़मीन पर अब कहां हम उठा कर दश्त में दीवार-ओ-दर ले आये हैं सनसनाते आसमान में उन पे क्या गुजरी न पूछ आने वाले खून में तर बाल-ओ-पर ले आये हैं देखता हूँ दुश्मनों का एक लश्कर हर तरफ किस जगह मुझको यह मेरी हम-सफर ले आये हैं मैं कि तारीकी का दुश्मन मैं अंधेरों का हरीफ़ इस लिए मुझको इधर अहल-ए-नज़र ले आये हैं From: http://www.blogger.com/post-create.g?blogID=7630026879920558875 , २५-०६-2008

दिल में न हो जुर्रत तो मुहब्बत नहीं मिलती / निदा फ़ाज़ली

दिल में न हो जुर्रत तो मुहब्बत नहीं मिलती ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती कुछ लोग यूँ ही शहर में हम से भी ख़फ़ा हैं हर एक से अपनी भी तबीयत नहीं मिलती देखा था जिसे मैं ने कोई और था शायद वो कौन है जिस से तेरी सूरत नहीं मिलती हँसते हुये चेहरों से है बाज़ार की ज़ीनत रोने को यहाँ वैसे भी फ़ुर्सत नहीं मिलती Cited from: http://hi.literature.wikia.com/wiki ,dated:07-06-2008

जाएँ तो जाएँ कहाँ / साहिर लुधियानवी

जाएँ तो जाएँ कहाँ समझेगा कौन यहाँ दर्द भरे दिल की जुबाँ जाएँ तो जाएँ कहाँ मायूसियों का मजमा है जी में क्या रह गया है इस ज़िन्दगी में रुह में ग़म दिल में धुआँ जाएँ तो जाएँ कहाँ उनका भी ग़म है अपना भी ग़म है अब दिल के बचने की उम्मीद कम है एक किश्ती सौ तूफ़ाँ जाएँ तो जाएँ कहाँ Cited From:http://hi।literature.wikia.com/wiki/ Dated:०३-०५-2008