कैसे बचाउँ तुझे इंसानी लिबासों में
छुपे हैवानों से
लिबास न होता
तो तू भी पहचान लेती
जानवर की तस्वीर को
खतरा नहीं मुझे आज जंगलों से
खतरा है तो तेरे
भीड़-भाड़ वाले इंसानी शहरो से
सफ़ेद poshi की बात
होती है हर रोज तेरे शहर में
काले लिबासों में ढका हुआ
देखा है शहर तेरा
चाँदनी रातों में ..
राजिंदर कौर
30/12/2012